चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या पर बराबर नई-नई जानकारियां आ रही हैं। अभी तक घटना की रात्रि दो जुलाई के बाद से ग्रामीणों के मुताबिक कहा जा रहा था कि मुख्य अभियुक्त विकास दुबे ने जो इस कदर पुलिस कर्मियों के प्रति क्रूरता दिखाई है उसके पीछे एक ही कारण था कि वह गांव में सीओ द्वारा दबिश दिये जाने से बेहद खफा था। इसी के चलते जहां अन्य पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारी गयी तो वहीं सीओ देवेन्द्र मिश्रा को दर्दनाक मौत दी गयी। सीओ का पहले पैर काटा गया और विकास दुबे चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा था कि मेरी दहलीज पर आने की हिम्मत कैसे हुई, इसका पैर ही काट दिया जाये। इस तरह की घटना कर ग्रामीणों के बीच पुलिस को संदेश देना चाहता था कि दोबारा कभी पुलिस की टीम गांव में आने की जुर्रत न करे।
यह बात एनकांउटर में मारे जाने से पूर्व पांच लाख के इनामी विकास दुबे ने एसटीएफ से भी स्वीकार की थी। हालांकि उसने यह भी कहा था कि सीओ के पैर उसने नहीं काटे थे। इसके बाद अब शहीद पुलिस कर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गयी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई थी। हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक सीओ देवेंद्र मिश्रा को चार गोली मारी गई, जिसमे से तीन उनके शरीर से पार हो गई। एक गोली सिर में, एक छाती में और दो पेट में मारी गई। गोली के जरिये उनका भेजा उड़ाने से पहले क्रूर बदमाशों ने पैर भी काटा था। पोस्टमार्टम की माने तो सभी गोली प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गई। इसके अलावा तीन पुलिसकर्मियों को सिर पर और एक को फेस पर गोली मारी गयी है। सभी की सभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साफ होता है कि बेहद बेरहमी से सभी का कत्ल किया गया है।
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